रेलकर्मियों के लिए अच्छी खबर आने वाली है। बीमारी में कमजोर कर्मचारियों की एक संतान को रेलवे में नौकरी मिल सकेगी। इसमें रेलवे से जुड़े कर्मियों को लाभ मिलेगा। रेल मंत्री के आदेश पर रेलवे बोर्ड के अधिकारी नियम तैयार करने में जुट गए हैं। कुछ समय पहले तक रेलवे कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर अपनी एक संतान को नौकरी दिला सकते थे मगर रेलवे ने फिलहाल इस व्यवस्था को बंद कर दिया था।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 16 जुलाई को रेलवे की मान्यता प्राप्त ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन एवं वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन सहित सभी संलग्न यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ वर्चुअल सेमिनार की थी, जिसमें सुरक्षित ट्रेन संचालन को लेकर बातचीत हुई। ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा एवं अध्यक्ष राखल दास गुप्ता ने इस सेमिनार में कर्मचारियों की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि सुरक्षित ट्रेन संचालन करने में सुरक्षा से जुड़े कर्मचारी ट्रैक मैन, गेटमैन, लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, गार्ड, स्टेशन मास्टर, संकेत विभाग के कर्मचारियों सहित कई विभागों के कर्मचारियों की अहम भूमिका होती है।
इन विभागों में काम करने वाले कर्मचारी वर्क कंडीशन खराब होने के कारण उम्र अधिक होने पर पूरी दक्षता के साथ काम करने में सक्षम नहीं होते हैं। ऐसे कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति दे दी जाए और उनके स्थान पर उनके एक आश्रित को नौकरी दी जाए। पिता के स्थान पर नौकरी में आने वाले कर्मचारी युवा होंगे एवं अधिक काम करने के साथ दुर्घटना रहित ट्रेनों का संचालन करने में सहायक सिद्ध होंगे। रेल मंत्री ने इस बारे में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था।
कांफ्रेंस के बाद अभी जुलाई को रेलवे मंत्रालय के सचिव ए. कुमार ने 21 जुलाई 2020 को रेलवे के मान्यता प्राप्त संगठनों को पत्र भेजकर नियम बनाने के लिए रेलवे बोर्ड को आदेश दिए जाने की जानकारी दी है एवं इस संबंध में रेलवे कर्मचारियों की फेडरेशन एवं यूनियनों से भी सुझाव मांगे हैं।
लंबे अरसे से कर रहे हैं आंदोलन
ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के सहायक महामंत्री मुकेश गालव एवं वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन के प्रवक्ता नरेंद्र जैन ने बताया कि इस मामले को लेकर संगठन लगातार आंदोलन कर रहा है। अभी रेल मंत्री के साथ संपन्न हुई वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में भी सब ने इस मामले को जोरदार तरीके से रखा। खुशी है कि रेल मंत्री ने मांग पर गौर किया है और रेलवे बोर्ड को इस बारे में नियम बनाने के आदेश दे दिए हैं।
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