गरीब कल्याण रोजगार अभियान: घर रहकर 125 दिनों तक रोज होगी कमाई

. सरकार ने इसके लिए 50 हजार करोड़ रुपये का फंड मंजूर किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अभियान की शुरुआत करेंगे.


116 जिलों में चलेगा अभियान


वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने जानकारी दी है कि योजना की शुरूआत में 125 दिनों तक व्यापक स्तर पर अभियान चलाकर लोगों को रोजगार मुहैया कराए जाएंगे. इसके लिए फिलहाल 6 राज्यों के 116 जिलों को चुना गया है. इन जिलों में कम से कम 25,000 प्रवासी कामगारों को काम मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है. अभियान का कामयाब बनाने के लिए सरकारी तंत्र प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए मिशन मोड में काम करेंगे.


25 योजनाओं के तहत होंगे काम


निर्मला सीतारामण ने बताया कि अभियान के 125 दिनों में सरकार की करीब 25 योजनाओं को एकसाथ लाया जाएगा. इन 25 योजनाओं में जिसको भी काम की जरूरत है उसे काम दिया जाएगा. कामगारों के कौशल के मुताबिक उन्हें काम दिया जाएगा. इसलिए अलग-अलग विभाग की 25 योजनाओं को इस अभियान में शामिल किया गया है.


घर रहकर 25,250 रु कर सकते हैं कमाई


गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत कुल 125 दिनों का काम चलेगा. इसमें रोज की मजदूरी मनरेगा की मजदूरी के हिसाब से ही दी जाएगी. इस लिहाज से एक कामगार को रोज 202 रुपये मिलेंगे. अगर कोई कामगार 125 दिनों का पूरा काम करता है, तो वह इस योजना के तहत 4 महीने के अंदर अपने घर पर ही रहकर 25250 रुपये कमा सकता है.


इन 25 कामों पर रहेगा ध्यान


– सामुदायिक स्वच्छता परिसर
– ग्राम पंचायत भवन
– फाइनेंस कमिशन फंड के तहत किए जाने वाले काम
– राष्ट्रीय राजमार्ग के काम
– जल संरक्षण एवं जल संचयन के काम
– कूओं का निर्माण
– पैधारोपण के काम
– बागवानी के काम
– आंगनवाड़ी केंद्र के काम
– प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के काम
– ग्रामीण सड़क एवं सीमा सड़क के काम
– भारतीय रेल के तहत आने वाले काम
– श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुरबन मिशन
– भारत नेट के तहत फाइबर ऑप्टिकल केबल बिछाने का काम
– पीएम कुसुम योजना के काम
– जल जीवन मिशन के तहत कराए जाने वाले काम
– प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा प्रोजेक्ट
– कृषि विज्ञान केंद्र के तह जीवनयापन की ट्रेनिंग
– जिला खनिज निधि के तहत आने वाले काम
-सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट मैनेजमैंट के काम
– फार्म पोंड योजना के काम
– पशु शेड बनाने का काम
– भेड़/बकरी के लिए शेड बनवाने का काम
– मुर्गी पालन के लिए शेड निर्माण
– केंचुआ खाद यूनिट तैयार कराना


मजदूरों की पहचान कैसे होगी


केंद्र सरकार का कहना है कि जो मजदूर श्रमिक स्पेशल या राज्य सरकार द्वारा अन्य तरीके से गांव वापस भेजे गए हैं, उनके नाम की सूची पहले से ही सरकार के पास है. उसी सूची के आधार पर उन्हें काम दिलवाया जाएगा. जो मजदूर किसी शहर से पलायन कर पैदल या किसी अन्य साधन से अपने गांव पहुंचे हैं, उनकी सूची भी संबंधित जिला के जिलाधिकारी के पास है. हालांकि ऐसे लोगों को अपनाप नाम चेक कर लेना चाहिए. रोजगार अभियान में काम कराने से लेकर मजदूरी के भुगतान का काम, सब राज्य सरकार के अधिकारी ही करेंगे.


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