मौजूदा कानून के तहत सरकार के खिलाफ किसी भी सामग्री के छापने या प्रकाशन को लेकर पुलिस कर्मियों पर पाबंदी है लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल के संबंध में विस्तृत आचार संहिता (Social Media Code Of Conduct) जारी की गयी है।
प्रतीकात्मक तस्वीर
गुजरात पुलिस ने अधिकारियों व जवानों के लिए एक सोशल मीडिया आचार संहिता की घोषणा की है
आचार संहिता में कहा गया है कि सरकार की आलोचना वाला कोई पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नहीं डालनी चाहिए
पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान वे सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर सकते
डीजीपी झा ने आगाह किया है कि नियमों का पालन नहीं होने पर कानूनी और विभागीय कार्रवाई की जाएगी
अहमदाबाद
अपनी तरह के पहले मामले में गुजरात पुलिस ने सोशल मीडिया का उपयोग करने वाले अधिकारियों व जवानों के लिए एक आचार संहिता की घोषणा की है। उन्हें शिष्ट, गैर राजनीतिक व धर्म निरपेक्ष रहने की नसीहत दी है। बता दें कि सूरत में हाल ही गुजरात पुलिस की एक जवान सुनीता यादव ने कोरोना महामारी के दौरान कर्फ्यू का पालन नहीं करने पर सरकार के मंत्री के पुत्र व उसके मित्रों को खरी खोटी सुनाई। साथ ही, जिस तरह उस वाकये को मीडिया व सोशल मीडिया में फैलाकर सुर्खियां बटोरी उससे आला अधिकारियों व सरकार की खूब किरकिरी हुई।
दरअसल गुजरात में पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा द्वारा जारी ‘आचार संहिता’ के तहत पुलिस कर्मियों और अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि इंटरनेट पर अपनी राजनीतिक राय व्यक्त नहीं करें और सरकार विरोधी किसी भी मुहिम से दूर रहें। राज्य में पुलिसकर्मियों का वेतन बढ़ाने के लिए ऑनलाइन अभियान की पृष्ठभूमि में यह सख्त दिशा-निर्देश जारी किया गया है। इस अभियान को फेसबुक और ट्विटर जैसे मंचों पर बड़ी प्रतिक्रिया मिली है।
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