फेसबुक के स्वामित्व वाली WhatsApp बैंकिंग भागीदारों के साथ उनकी डिजिटल उपस्थिति को बेहतर बनाने तथा देश के विभिन्न खंडों व भौगोलिक क्षेत्रों में वित्तीय पहुंच की गति तेज करने के लिए एक साल से अधिक समय से काम कर रही है।
व्हाट्सऐप वित्तीय उत्पादों की पहुंच आसान बनाने के लिए काम करेगी।
हाइलाइट्स:
बीमा, सूक्ष्म ऋण और पेंशन जैसे उत्पादों तक लोगों की पहुंच आसान बनाएगी वॉट्सऐप
बैंकों व वित्तीय संस्थानों जैसे भागीदारों के साथ काम करेगी
बैंकिंग भागीदारों को साथ उनकी डिजिटल उपस्थिति को बेहतर बनाने में मदद देगी
एमएसएमई कंपनियों को डिजिटलीकरण में मदद करने की योजना
नई दिल्ली
संदेश भेजने की सुविधा देने वाली कंपनी वॉट्सऐप ( WhatsApp) बीमा, सूक्ष्म ऋण और पेंशन जैसे उत्पादों तक लोगों की पहुंच आसान बनाने के लिए भारत में बैंकों व वित्तीय संस्थानों जैसे भागीदारों के साथ काम करेगी। कंपनी के भारत प्रमुख अभिजीत बोस ने बुधवार को यह बात कही। बोस ने ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट’ में कहा कि कंपनी वित्तीय उत्पादों के वितरण से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए संभावित समाधानों का परीक्षण करने के लिए विभिन्न नई पहलों का भी समर्थन करेगी। बोस ने कहा कि फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी बैंकिंग भागीदारों के साथ उनकी डिजिटल उपस्थिति को बेहतर बनाने तथा देश के विभिन्न खंडों व भौगोलिक क्षेत्रों में वित्तीय पहुंच की गति तेज करने के लिए एक साल से अधिक समय से काम कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘अब हम अधिक बैंकों के साथ काम करना चाहते हैं। इस वर्ष में बैंकिंग सेवाओं को सरल बनाने और विस्तार करने में मदद करने, विशेष रूप से ग्रामीण और निम्न आय वर्गों में विस्तृत बनाने में हम अन्य उत्पादों के लिए अपने प्रयोगों का विस्तार करने का लक्ष्य रखते हैं।’ बोस ने कहा कि अगले 2-3 वर्षों में सामूहिक उद्देश्य असंगठित अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में कम मजदूरी वाले श्रमिकों को आसानी से तीन उत्पादों - बीमा, सूक्ष्म ऋण और पेंशन तक पहुंच बनाने में मदद करने में सक्षम होना है।
एमएसएमई को मदद
उन्होंने कहा कि वॉट्सऐप माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज को अगले 18 महीनों के दौरान डिजिटाइज में मदद करेगी। बोस ने कहा कि वॉट्सऐप के करीब 40 करोड़ यूजर हैं और यह कम से कम 20 करोड़ नए यूजर को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) प्लेटफॉर्म पर ला सकती है। इसके लिए उसे अलीबाबा और सॉफ्टबैंक के समर्थन वाली पेटीएम, वॉलमार्ट के निवेश वाली फोनपे और ऐमजॉन तथा गूगल की यूनिट्स के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी होगी।
बोस का बयान ऐसे समय आया है जब वॉट्सऐप को यूपीआई के तहत डिजिटल पेमेंट्स बिजनस शुरू करने के लिए हरी झंडी मिल सकती है। वॉट्सऐप की पेरेंट कंपनी फेसबुक ने रिलायंस इंडस्ट्रीज में 5.7 अरब डॉलर निवेश किए हैं और दोनों कंपनियों के ई-कॉमर्स कारोबार में भी हाथ मिलाने की उम्मीद है। वॉट्सऐप का कहना है कि वह कई तरह के वित्तीय उत्पादों पर विचार कर रही है। इनमें स्वरोजगार में लगे 30 करोड़ लोगों के लिए एक पेंशन स्कीम भी शामिल है। इसकी रोजाना लागत 50 रुपये हो सकती है। कंपनी का कहना है कि वह रेग्युलेटरी अप्रूवल पाने के लिए वह बैंकों, फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियों और फिनटेक स्टार्टअप के साथ काम करेगी।
लोगों तक सर्विसेज पहुंचाने की जरूरत
बोस ने कहा, 'हमारा लक्ष्य पेमेंट्स को लोगों तक पहुंचाना नहीं है। हमें सर्विसेज को लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है।' उन्होंने कहा कि वॉट्सऐप के प्लेटफॉर्म पर पहले से ही 1.5 करोड़ स्मॉल बिजनस यूजर हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी ऐप का इस्तेमाल करने वाले बैंकों की संख्या बढ़ाना चाहती है। उसकी नजर खासकर ग्रामीण और कम आय वाले सेगमेंट्स पर है। बोस ने कहा कि कोटक महिंद्रा बैंक के 20 लाख कस्टमर और आईसीआईसीआई बैंक के 10 लाख ग्राहक पहले से वॉट्सऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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