भ्रामक विज्ञापन करने पर जाना पड़ सकता है जेल, नए कानून से कंज्यूमर बनेगा ‘किंग’

उपभोक्ता के अधिकारों को और सशक्त करने वाला उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 सोमवार से देशभर में लागू हो गया.


उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि यह कानून उपभोक्ताओं के हाथ मजबूत करेगा.

Consumer Protection Act, 2019: उपभोक्ता के अधिकारों को और सशक्त करने वाला उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 सोमवार से देशभर में लागू हो गया. यह उपभोक्ता संरक्षण कानून, 1986 का स्थान लेगा. नए कानून के अंतर्गत घटिया सामान बेचने, गुमराह करने वाले विज्ञापन देने पर जेल जाना पड़ सकता है. इसमें छह महीने की जेल या एक लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान है. इस कानून को पहले जनवरी 2020 में लागू किया जाना था, जिसे बाद में मार्च कर दिया गया. मार्च में कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते इसे लागू नहीं किया जा सका था. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 20 जुलाई इसे लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. पहली बार ऑनलाइन कारोबार को भी इसके दायरे में लाया गया है.

उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रेस को संबोधित किया. उन्होंने आज से प्रभावी हुए नए उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 के प्रमुख प्रावधानों, इसके नए नियम-कानून,सजा के प्रावधान और उपभोक्ताओं के अधिकार संरक्षण के बारे में चर्चा की. उन्होंने कहा कि यह कानून उपभोक्ताओं के हाथ मजबूत करेगा.

नया उपभोक्ता संरक्षण कानून के प्रमुख प्रावधान

नए कानून के तहत कंज्यूमर प्रोटेक्शन काउंसिल का गठन होगा.


जनहित याचिका अब कंज्यूमर फोरम में दायर की जा सकेगी.


ईकॉमर्स ऑनलाइन, डायरेक्ट सेलिंग और टेलीशॉपिंग कंपनियां कानून के दायरे में आएंगी.


भ्रामक विज्ञापन करने पर सेलिब्रिटी पर भी 10 लाख रुपये तक का जुर्माना तय किया गया है. सेलिब्रिटी का दायित्व होगा कि वो विज्ञापन दी गई पूरी जानकारी की जाच पड़ताल कर ले.


मिलावटी सामान और खराब प्रोडक्ट पर कंपनियों पर जुर्माना और मुआवजा देना शामिल किया गया है. झूठी शिकायत करने पर अब 50 हजार रुपए जुर्माना लगेगा.


उपभोक्ता मध्यस्थता सेल का गठन होगा. दोनों पक्ष आपसी सहमति से मध्यस्थता कर सकेंगे.


कंज्यूमर फोरम में एक करोड़ रुपये तक के मामले और राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में एक करोड़ से 10 करोड़ तक के मामले दर्ज कराए जा सकेंगे.


राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में 10 करोड़ रुपये से ऊपर के केस की सुनवाई होगी.


सिनेमा हॉल में खाने-पीने की वस्तुओं पर ज्यादा पैसे लेने की शिकायत पर होगी कार्रवाई


कैरी बैग के पैसे वसूलना कानूनन गलत होगा.


नए कानून के तहत उपभोक्ता अदालतों के साथ-साथ एक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के गठन का भी प्रावधान है.


नए कानून के लागू होने के बाद ऑनलाइन बिजनेस में कंज्यूमर के हितों की अनदेखी भी कंपनियों पर भारी पड़ सकती है.


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